योग कई सदियों से अस्तित्व में है। ऋग्वेद के श्लोकों में योग का उल्लेख मिलता है। योग के संबंध में प्रथम पुरातात्विक साक्ष्य सिन्धु घाटी सभ्यता (330 ई.पू. से 1300 ई.पू.) से भी हजारों साल पहले के हैं। योग छह भारतीय दर्शनों में से एक है। सांख्य दर्शन के अनुसार योग, सांसारिक सुखों के नियमपूर्वक आचार/व्यवहार और वैराग्य के माध्यम से चेतना या स्वयं या सुख की वास्तविक स्थिति की प्राप्ति या अनुभूति है। इसे ज्ञान योग (ज्ञान), भक्ति योग (भावना संस्कृति), कर्म योग (नि:स्वार्थ कर्म) या एक व्यवस्थित प्रक्रिया के अन्तर्गत मन की शुद्धता/पवित्रता प्राप्ति राजयोग कहलाता है।
अधिक पढ़ेंप्राकृतिक चिकित्सा का इतिहास सदियों पहले का है जब किसी भी प्रकार की कोई दवा नहीं होती थी। इसकी शुरूआत सबसे पहले जर्मनी में हुई और फिर सन् 1800 में अमेरिका में फैल गई। प्राकृतिक चिकित्सा प्रकृति के सान्निध्य में स्वस्थ जीवन जीने की कला और विज्ञान है। भारत की प्राचीन लिखित सामग्री जैसे- वेद, उपनिषद और महाकाव्य जैसे- रामायण और महाभारत प्राकृतिक चिकित्सा के दावों के लिए पर्याप्त सबूत प्रदान करते हैं। स्वतंत्रता से पहले पुणे में डॉ. दिनशा मेहता के संरक्षण में महात्मा गांधी जी द्वारा एक प्रणाली के रूप में प्रकृति उपचार का व्यापक रूप से प्रचार किया गया था। गांधी के सत्याग्रह में उपवास, अहिंसा, आंतरिक परिवर्तन और न्यूनतम जीवन के सिद्धांत शामिल थे।
अधिक पढ़ेंप्राकृतिक चिकित्सा जीवन शक्ति के सिद्धांत, विषाक्तता के सिद्धांत, शरीर की स्व-उपचार क्षमता के सिद्धांत और स्वस्थ जीवन के सिद्धांतों के आधार पर प्राकृतिक तत्वों के साथ उपचार प्रदान करने वाली चिकित्सा की एक तर्कसंगत और साक्ष्य आधारित प्रणाली है। प्राकृतिक चिकित्सा रोग और रोग के उपचार की एकता के सिद्धांतों में विश्वास करती है। इसमें कहा गया है कि रोगाणु रोग के द्वितीयक कारण हैं और क्षीण जीवन उर्जा और क्षीण रोग प्रतिरोध क्षमता रोग का कारण होता है। उपचार का उद्देश्य रोग के कारणों का उपचार करना है न कि रोग के लक्षणों का। यह विषाक्त पदार्थों और विजातिय पदार्थों के उन्मूलन और किसी की जीवनी शक्ति में सुधार पर जोर देती है।
परिषद् योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा में अनुसंधान, उन्नयन, प्रचार-प्रसार और प्रकाशन की विभिन्न गतिविधियों के संचालन में लगी हुई है।.
ऑर्गनोग्राम अनुसंधान संस्थान प्रतिस्पर्धा प्राय: पूछे जाने वाले वीडियो फोटोओपीडी की संख्या
शोध प्रकाशन
स्वास्थ्य केन्द्र (वैलनैस केन्द्र)
पीजीआइएनईआर/सीआरआईवाईएन